भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गणेश! बताओ तो / असंगघोष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गणेश!
तुमने दूध
क्या पिया
फासीवाद ने
मेरा दरवाजा
खटखटा दिया, और
घर में घुस आया
बताओ तो
अब तुम
क्या पीने जा रहे हो?