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गमन / डोरिस कारेवा / तेजी ग्रोवर
Kavita Kosh से
तुम्हारी तस्वीर
अपने पर्स में
नहीं रखती मैं;
वह यूँ भी
मेरी पलकों के नीचे
जलती है ।
हर मुखाकृति,
भंगिमा,
स्वर-कम्पन,
मेरे अनचाहे ही,
उकेरा जा चुका है --–
एकदम स्पष्ट,
तुम्हारी पीठ,
जब तुम गए थे
उस मई में
जिसका ख़ुलासा
नहीं किया जा सकता,
उस क्रूर सर्दी में,
जैसा संकेत दिया था मैंने —
अन्धेरे में,
बाईं ओर ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : तेजी ग्रोवर