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गये ते जखौरा की हाट रे मोरे रंजन भौरा / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
गये ते जखौरा की हाट रे मोरे रंजन भौरा।
गये ते गधैया के पास रे मोरे रंजन भौंरा।
गधैया ने मारी लात रे मोरे रंजन भौंरा।
ऐंगरे टूटे टेंगरे टूटे टूटी हैं लंगड़े की टौन रे मोरे रंजन भौंरा।
अब कैसें निगैं मोरे रंजन भौरा।
ल्याओ चनन कौ चून रे मोरे रंजन भौंरा।
ऐंगरे जोड़े टेंगड़े जोड़ें जोड़ें लंगड़े की टौन रे मोरे रंजन भौंरा।
गये तो जखौरा की हाट रे मोरे रंजन भौंरा।