♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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गयो-गयो रे सास तेरो राज, जमाना आयो बहुअन का।
सास बिचारी चक्की पीसे, बहु देखन खों जाय
मोटो-मोटो रे चून, जमाना आयो बहुअन का। सास तोरे...
सास बिचारी खाना बनावे, बहु देखन खों जाय
छोटी-छोटी सैंको रोटी, जमाना आयो बहुअन का।
सास बिचारी बिस्तर बिछावै, बहु देखन खों जाय
अच्छा-अच्छा बिस्तर बिछावौ, जमाना आयो बहुअन का।