भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गलतबयानी / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
ठीक है
सब कुछ ठीक है
दुनिया में
उसने कहा
जो पैसों के पहाड़ पर चढ़ा
स्वर्ग में पहुँचा
जमीन का युद्ध नहीं देखता।
रचनाकाल: २३-०३-१९७३