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गलफुल्ले आम / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
गोलाकार रूप के
रसीले गलफुल्ले आम
हल्दिया-गुलाबी
और गुठली-गठीले हैं;
रुचिकर रस के शहददार,
मंद-मंद मोहक महकदार,
दाब-दाब दबते
निचुड़ते हठीले हैं;
अमरस देते
और तृप्त कर देते हैं,
हमको रोमानी आम
मुग्ध कर लेते हैं
रचनाकाल: १६-०६-१९७६, मद्रास