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ग़ैर के वास्ते दुआ करना / कांतिमोहन 'सोज़'
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ग़ैर के वास्ते दुआ करना I
इस बुढ़ापे में और क्या करना II
यूं तो हम नाम अपना भूल गए
याद है आपका वफ़ा करना I
जग में रहकर हो जग से बेगाना
ऐसे ग़ाफ़िल से क्या गिला करना I
तू मसीहासिफ़त तो है जानां
हो सके तो मेरी दवा करना I
या इलाही तुझे क़बूल हुआ
अपनी औलाद को गदा करना I
आप कोई अज़ाब क्यूं छोड़ें
प्यार भी एक मर्त्तबा करना I
सोज़ एहसान उसके लाखों हैं
इसका इक़बाल जा-ब-जा करना II