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गाँधी का भारत / त्रिभवन कौल

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गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो इन्सान आता है
इंसानियत से गहरा नाता है
औरों का खून बहा कर भी
इंसान ही तो कहलाता है

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो नेता आता है
जनता को उल्लू बनाता है
पांच बरस तक राज करे
फिर हाथ जोड़ मिमयाता है

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो धर्मी आता है
धरम धरम चिल्लाता है
शांतिपरस्त जनता को
उकसा कर उन्हें लडाता है

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो सिपाही आता है
क़ानून का रक्षक कहलाता है
मोका मिलते ही पर वह
तुरंत भक्षक बन जाता है

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो धरती रोती है
अपने ज़ख्मो को धोती है
दागा बदन इन्सां ने इतना
हरियाली मौत को रोती है

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो माँ-बाप आते हैं
लड़के की खैर मनाते हैं
लड़की से नफरत इतनी है
भ्रूण हत्या करवाते है

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैन

वह देखो रिश्वतखोर आते हैं
स्विस बैंक में भारी खाते हैं
देश भक्ति का प्रचार करें
देश को घुन बन खाते हैं

गाँधी तेरे भारत में, सब नेता चुराएँ नैन
तेरी नीतियाँ ताक पर, भोगे सुख औ चैनI