चिड़ियों से पहले
उठते बाबा
उनसे पहले उठ जाती है
उनकी खाँसी
उठते ही करते हैं धरती को प्रणाम
फिर रखते हैं पाँव धरती पर
फिर जागती हैं नींद से
अंधेरे में डूबी गलियाँ
जागते हैं घर
जागता है गाँव ।
चिड़ियों से पहले
उठते बाबा
उनसे पहले उठ जाती है
उनकी खाँसी
उठते ही करते हैं धरती को प्रणाम
फिर रखते हैं पाँव धरती पर
फिर जागती हैं नींद से
अंधेरे में डूबी गलियाँ
जागते हैं घर
जागता है गाँव ।