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रामचरन अभिराम कामप्रद तीरथ-राज बिराजै |
	सङ्कर-हृदय-भगति-भूतलपर प्रेम-अछयबट भ्राजै ||
	स्यामबरन पद-पीठ, अरुन तल, लसति बिसद नखस्रेनी |
	जनु रबि-सुता सारदा-सुरसरि मिलि चलीं ललित त्रिबेनी ||
	अंकुस-कुलिस-कमल-धुज सुन्दर भँवर तरङ्ग-बिलासा |
	मज्जहिं सुर-सज्जन, मुनिजन-मन मुदित मनोहर बासा ||
	बिनु बिराग-जप-जाग-जोग-ब्रत, बिनु तप, बिनु तनु त्यागे |
	सब सुख सुलभ सद्य तुलसी प्रभु-पद-प्रयाग अनुरागे ||