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गीत द्वारे खड़ा / प्रशांत उपाध्याय

गीत सत्यम शिवम गीत है सुन्दरम
वेद की ये ऋचा गीत शाकुन्तलम

गीत है लक्षणा गीत है व्यंजना
गीत है आस्था गीत है भावना
जब मिलें ये हमारे तुम्हारे अधर
गीत है प्रीत की अनछुई कामना
भाव तट पर खड़ा कल्पना को लिये
शब्द का कर रहा स्वागतम स्वागतम

गीत है काँपती सी कोई एक नदी
गीत है आग में जलती पूरी सदी
गीत तो सत्य है गीत है कालजय
गीत फिर क्यों सहे कोई भी त्रासदी
गीत के पर लगा गीत को तू उड़ा
गीत हर लेगा सारा धरा का ये तम

आज छाया है जब ये कुहासा घना
गीत को तू नहीं एक तमाशा बना
गीत की बाँह को थाम ले प्यार से
गीत द्वारे खड़ा अनमना अनमना
गीत लिख देगा तब भाग्य के भाल पर
मंगलम मंगलम मंगलम मंगलम