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गीत 13 / आठवाँ अध्याय / अंगिका गीत गीता / विजेता मुद्गलपुरी
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देवयान अरु पितृयान दू मारग सत्य सनातन
शुक्ल पक्ष अरु कृष्ण पक्ष के दोनों पंथ पुरातन।
एक पंथ के गेने प्राणी
उत्तमगति के पावै
अरु दोसर पथ गेने प्राणी
फेरो घुरि केॅ आवै,
पितर यान के पंथ बन्धावै जन्म-मरण के बन्धन।
परम धाम के पंथ दिव्य छै
अति प्रकाशमय जानोॅ,
जे अन्तः के करै प्रकाशित
दिव्य जोत पहचानोॅ,
शुक्ल मार्ग के पथ के जानोॅ, सब विधि तिमिर निकन्दन।
जहाँ पहुँचि नै लौटै साधक
परम धाम कहलावै,
शुक्ल मार्ग पर चलि के प्राणी
परम ब्रह्म के पावै,
कृष्ण मार्ग में करै जीव लाख चौरासी भरमन
देवयान अरु पितृयान दू मारग सत्य सनातन।