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गीत 14 / नौवाँ अध्याय / अंगिका गीत गीता / विजेता मुद्‍गलपुरी

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करम सब हमरा अर्पण करोॅ
भोजन-भजन हवन अेॅ दान-तप हमर चरण में धरोॅ।

हय जग के हम सूत्रधार छी, हे अर्जुन तों जानोॅ
हम कर्ता भोक्ता, अपना के निमित्त मात्र तों मानोॅ
राखोॅ मोह कर्मफल के नै, पूर्ण समर्पण करोॅ
करम सब हमरा अर्पण करोॅ।

पूर्ण कर्म के जे समेट केॅ, हमरा करै समर्पण
से पावै संन्यास भोग, नै बँधै कर्म के बन्धन
मुक्त हुऔ, हमरा पावोॅ, नै कर्म फाँस में परोॅ
करम सब हमरा अर्पण करोॅ।

सब भूतोॅ में सम रूपोॅ में, हरदम हम व्यापक छी
कोय प्रिय अप्रिय न हमरोॅ, हम समान सब के छी
हमरा भजि के निज अन्तः में आप प्रकट तों करोॅ
करम सब हमरा अर्पण करोॅ।