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गीत 7 / दशम अध्याय / अंगिका गीत गीता / विजेता मुद्‍गलपुरी

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हम अदिति कश्यप के बारह पुत्रोॅ में विष्णु छी
ज्योति बीच हम सूर्य किरण मय, चन्द्र नक्षत्रों में छी।
हम उनचासो मरुत देव के
तेज छिकौ हय जानोॅ,
वेदौ में हम साम
देव में इन्द्र छिकौं हय मानोॅ,
सकल भूत प्राणी रॅ चेतना, हम जीवन शक्ति छी।
हम इन्द्रिय मंे मन
एकादश रुदोॅ में शंकर छी,
यक्ष-रक्ष में धन कुबेर
आठो वसु में अग्नि छी,
शिखर पर्वत में छी सुमेरू, सेनापति में कार्तिक छी।
हम पुरोहितोॅ में मुखिया
वृहस्पति छी हय जानोॅ,
और जलाशय में समुद्र छी
ऋषि में भृगु तो मानोॅ,
शब्दों में हम ओंकार छी, यज्ञौ में हम जप छी।
स्थिर पहाड़ों में अर्जुन-
हिमालय हमरा जानोॅ,
वृक्षोॅ में पीपल छी
देवऋषि में नारद मानोॅ,
हम गंधर्वो में चित्रपथ छी, कपिल सिद्ध में हम छी
हम अदिति-कश्यप के बारह पुत्रोॅ में विष्णु छी।