Last modified on 14 नवम्बर 2009, at 12:53

गीले बालों से छानता सूरज / परवीन शाकिर

शोख़ किरण ने
गीले रेशम बालों को जिस लम्हा छुआ
बेसाख्ता हँस दी
पलकों तक आते-आते
सूरज की हँसी भी
गोरी की मुस्कान की सूरत
सात रंग में भीग चुकी थी