भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गुजरात-1 / नरेश सक्सेना
Kavita Kosh से
घर से सारी पत्रिकाएँ और अख़बार हटा दिए
कि कहीं उन पर नज़र न पड़ जाए
रेडियो और टी.वी. के कनेक्शन काट दिए
कि कहीं ख़बरें न आने लगें उसी वक़्त
लेकिन घर में जले हुए गोश्त की बू है
इसका क्या करें
गोश्त ज़रा-सा लग गया रसोई में
और एक मुसलमान दोस्त आने वाले हैं खाने पर