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गुड़बा-गुड़िया / अमरेन्द्र
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गुड़िया गेलै अपनोॅ घोॅर
गुड़बा केॅ लागलै छै जोॅर।
ऐलै वैद्य जड़ी लै साथ
माथा पर फेरै छै हाथ
नाड़ी देखै दाबी केॅ
रोग न कुछुओ पाबी केॅ
बैद्य बेचारा होलै दंग
बुद्धि नै दै हुनको संग
जड़ी तुरते बूकी लेलकै
मंतर वै पर फूँकी देलकै
जीहा पर जेन्है राखलकै
गुड़बो सबटा थूकी देलकै
गुड़िया सबटा बात सुनी केॅ
लेलकै माथोॅ वहीं धुनी केॅ।