भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गे माइ कल जोड़ि विनती करै छथि सीता बेटी / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गे माइ कल जोड़ि विनती करै छथि सीता बेटी
सुनू बाबा वचन हमार यौ
चोर चाण्डाल बाबा हाथ ने धरायब
करबमे पण्डित जमाय यौ
चोर चाण्डाल बाबा हाथ ने धरायब
मारत बिनु अपराध यौ
कोना हम बुझब बेटी चोर चाण्डाल
कोनाकऽ पण्डित जमाय यौ
वन पैसि चानन चौकिया छेबायब
नम्र पैसि जोहब जमाय यौ
भनहि विद्यापति सुनू हे सुनयना
लीखल मेटल नहि जाय यौ