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गोल बिंदियों की छींट वाली पोशाक / चेस्लाव मिलोश / मनोज पटेल

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उसकी गोल बिन्दियों की छींट वाली पोशाक — बस,
इतना ही जानता हूँ उसके बारे में ।
एक बार, अपनी बन्दूक लिए एक जंगल में चुपचाप घूमते हुए
मैं ठोकर खा गया था उससे, जो ख़ाली जगह पर एक कम्बल बिछाए
लेटी हुई थी माइकल के साथ ।
एक छोटी-सी मांसल चीज़,
लोग बताते थे कि वह किसी अधिकारी की बीवी है ।
ज़रूर ज़ोसिया रहा होगा उसका नाम ।

शाम हो गई थी मुझे काले समुन्दर तक पहुँचते-पहुँचते ।
वे सभी मर चुके हैं, ये बहुत पहले की बात है ।

तुम्हें शान्ति मिले ज़ोसिया और तुम्हारे कारनामों को भी ।

छुट्टी बिताने जाते हुए ऐसा नहीं होता
कि उम्मीद की जाए कुछ घटित हो जाने की :
इश्तहारों में से काले बालों वाला कोई आदमी,
या माइकल की तरह कोई सुनहरे बालों वाला,
बस, रोज़मर्रा की ऊब से थोड़े बदलाव के तौर पर,
फ़ोन करे प्रेमिका को, चाय की दुकान में केक लेने जैसा ।
हम ऊब और जिज्ञासा से प्रेरित होते हैं पाप की तरफ़,
मगर उसके अलावा मासूम होते हैं हम ।

तुम्हें समझना चाहिए, ज़ोसिया ! कैसी मुश्किल में होता हूँ मैं,
जब ध्यान से सोचना चाहता हूँ तुम्हारी ज़िन्दगी के बारे में
और यहाँ, जहाँ तुम मेरी हो, पा जाता हूँ वह, जो अनोखा है तुम्हारे भीतर,
हालाँकि वह छिपा होता है आम बातों के नीचे ।

शायद तुमने मदद की हो कोई मोर्चा बान्धने में ।
या शायद ख़ुद को कुरबान किया हो किसी बीमार बच्चे की ख़ातिर ।
शायद तुम्हें तकलीफ़ रही हो किसी ज़ख़्म या बीमारी की वजह से
और पहुँच गई हो समर्पण की उच्चावस्था में ।
जैसा भी रहा हो, चाहे तुम नष्ट हो गईं अपने जलते हुए शहर के साथ,
या भटकती फिरीं उसमें बूढ़ी होकर, सड़कों को न पहचानते हुए ।
मैं कोशिश करता हूँ हर जगह तुम्हारे साथ होने की, व्यर्थ में ही ।
और सिर्फ़ स्पर्श कर पाता हूँ तुम्हारे वक्षों की भरपूर गोलाइयों का,
सफ़ेद बिन्दियों की छींटवाली लाल पोशाक को याद करते हुए ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल