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ग्रेज़ी पार्क में एक चिड़िया का घोंसला / मुइसेर येनिया

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नाज़िम हिकमत की स्मृति में सादर

एक चिड़िया के घोंसले में बैठकर मैं इन शब्दों को लिख रही हूँ
जो दो शाखाओं के बीच ग्रेज़ी पार्क में बना हुआ है
मेरी साँस चाकू की तरह छाती में अटकी हुई है
वे आ रहे हैं इस आकाश को ध्वस्त करने
धरती के तमाम लोगों के साथ

मैं एक चिड़िया का घोंसला हूँ
ग्रेज़ी पार्क में
दो शाखाओं के बीच

यहाँ लोगों को ज़हर दिया जाता है
दरख़्तों को उखाड़ा जाता है

हमें खदेड़ा जा रहा है उन जगहों से
जहाँ हमारी माओं ने हमे बुलाया

वे चिड़ियों के संगीत पर बमबारी कर रहे हैं
— चिड़ियाएँ सिक्कों की खनक नहीं पैदा करतीं —
      
ईथम<ref>सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन के दौरान मारा गया एक कामगार ।</ref> के बारे में सुना, एक सीमुर्ग आग में
अंकारा का एक वेल्डिंग कामगार
उसका शरीर गिर रहा है एक पँख की तरह
हमारी मृत्यू से पहले ही वे हमे मिट्टी में तब्दील कर रहे हैं
धुएँ में घिरे हैं गली के बच्चे और बिल्लियाँ
उनके कूबड़ पर एक गुमशुदा स्वप्न है
अन्धी आँखें दुनिया की तरफ नहीं देख सकतीं
या किसी अप्रत्याशित क्षण में नींद से बोझिल नहीं होतीं....

मैं एक चिड़िया का घोंसला हूँ
ग्रेज़ी पार्क में
दो शाखाओं के बीच ।

शब्दार्थ
<references/>