भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घटना / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
घटनाकें घटित होइते
बदलि जाइत अछि परिस्थिति
मौसम मिजाज
आ बसातक दिशा।
घटना लोककें करैत अछि सचेत
बनबैत अछि पकठोस।
घटना
कखनो मायक पार्ट अदा करैत अछि
कखनो बाबूक
कखनो मास्टर साहेबक।
घटना
धँसि जाइत अछि
मोनमे
वाण जकाँ
बेधैत रहैत अछि
सभ दिन...।