भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घड़ियाल / चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नदी में पर्याप्त जल था
सीपों, मछलियों
और तमाम जलजीवों के लिए

पर घड़ियालों को चैन कहाँ
गटक गए
सबके हिस्से का पानी
अपने समुंदरसोख पेट में