भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घर तो इतना आलीशान / विज्ञान व्रत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

घर तो इतना आलीशान
लेकिन गायब रोशनदान

जब घर में हों सब मेहमान
कौन करे किसका सम्मान

बढ़ता जाता है सामान
छोटा होता घर दालान

घर के रिश्तों से अनजान
अपने घर मे ही मेहमान

सारी बस्ती एक समान
किसके घर की है पहचान