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चंचल चितवन मनमीत अहां / भास्करानन्द झा भास्कर

चंचल चितवन मनमीत अहां
मधुरितु अनुरंजित गीत अहां

पवन चपल संग मन-निकुंज
नित अनुगुंजित संगीत अहां

प्रेंम उद्दीप्त तप्त फ़ाग रागमय
सौभाग्य प्रभा पुंज प्रदीप्त अहां

जीवन पथ अनुगामी नेह हमर
मनभावन पावन नवनीत अहां

काया क्लान्त स्व अन्त:करण
क्रान्ति मध्य शान्ति जीत अहां