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चक्का जाम हुआ भई चक्का जाम हुआ ! / कांतिमोहन 'सोज़'
Kavita Kosh से
चक्का जाम हुआ भई चक्का जाम हुआ !
दिल्ली के मज़दूरों ! ओ मेरे रणशूरों
शाबाशी का काम हुआ !
चक्का जाम हुआ भई चक्का जाम हुआ !
घर में पड़ा सड़े सरमाया
पूंजीपति मन में घबराया
पुलिस मिलिट्री लाठी गोली
सबने मिलकर ज़ोर लगाया
मजदूरों के बिना मिलों का क्या अंजाम हुआ
क्या अंजाम हुआ
चक्का जाम हुआ भई चक्का जाम हुआ !
हम ही महल बनानेवाले
हम ही महल गिरानेवाले
हम भूगोल बदलनेवाले
हम इतिहास बनानेवाले
जो हमसे टकराया उसका क्या अंजाम हुआ
क्या अंजाम हुआ
चक्का जाम हुआ भई चक्का जाम हुआ !
दिल्ली के मज़दूरों ! ओ मेरे रणशूरों
शाबाशी का काम हुआ !
चक्का जाम हुआ भई चक्का जाम हुआ !
नवम्बर 1973 में दिल्ली के इतिहास में पहली बार किसी मज़दूर संगठन यानी ’सीटू’ ने अपने दम पर हड़ताल कराई थी I