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चन्दा का खेल / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
चन्दा साथ-साथ क्यों चलता
हम चलते तो वह भी चलता।
जब हम गाड़ी में चलते हैं
आसमान में वह भी चलता।
उसके साथ जितने तारे
वे भी चलते जब वह चलता।
जितनी तेजी से हम चलते
उतनी तेजी से वह चलता।
ज्यों ही गाड़ी रुक जाती है
रुक जाता वह चलता-चलता
मामी इसके संग नहीं है
सदा अकेला ही यह चलता।
मां मुझको इतना बतला दो
क्यों यह नकल हमारी करता।