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चन्दा मामा / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

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चन्दा मामा आवोॅ नी
हमरा सुख पहुँचावोॅ नी,
कैन्हेॅ छोॅ हमरा सें दूर
हमरा प्यार करोॅ भरपूर।

तोरा लेॅ तरसै छै मन
प्यारोॅ तोरोॅ ठंडापन,
चहुदिश तारा के बारात
तोरा चलतें जगमग रात,
देखी तोरोॅ हँसवोॅ सें
संसार भरै उल्लासोॅ सें,
तोरोॅ सुन्नर खिलखिल रूप
लागै कतना छै अनूप।

रात चाँदनी साथें तौं
रस संचार करै छोॅ तौं,
मामा छै अमृत रोॅ खान
धरती केरोॅ गौरव गान।