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चमन में सुबह का मंज़र बड़ा दिलचस्प होता है / मुनव्वर राना
Kavita Kosh से
चमन<ref>उद्यान</ref>में सुबह का मंज़र<ref>दृश्य</ref>बड़ा दिलचस्प<ref>रुचिकर</ref>होता है
कली जब सो के उठती है तो तितली मुस्कुराती है
हमें ऐ ज़िंदगी तुझपर हमेशा रश्क़<ref>ईर्ष्या</ref>आता है
मसायल<ref>समस्याएँ</ref>में घिरी रहती है फिर भी मुस्कुराती है
बड़ा गहरा तआल्लुक़<ref>संबंध</ref>है सियासत<ref>राजनीति</ref>का तबाही<ref>बर्बादी</ref> से
कोई भी शहर जलता है तो दिल्ली मुस्कुराती है
शब्दार्थ
<references/>