बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चलना चलना सब कोउ कहैं हो
अरे चलना हंसी नहि खेल हो
चलन कहै।
अरे चलना वही सराहिये
कि बाबा बोलाई बड़ी दूर से हो
चलन कहें।
चलना चलना सब कोउ कहैं हो
अरे चलना हंसी नहि खेल हो
चलन कहै।
अरे चलना वही सराहिये
कि बाबा बोलाई बड़ी दूर से हो
चलन कहें।