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चल बे घोड़े / श्रीनाथ सिंह
Kavita Kosh से
चल बे घोड़े सरपट चाल
दो दिन में पहुंचे बंगाल
कलकत्ते की काली देखें
हुगली नदी निराली देखें
चलें वहां से फिर आसाम।
करें पहाड़ों पर आराम।
ऐड़ लगावें पहुचें दिल्ली,
गड़ी जहाँ लोहे की किल्ली।
चलें वहां से फिर पंजाब
लांघें झेलम और चनाब।
ऐड़ लगावें मथुरा आवें
हरिद्वार काशी को जावें।
चल बे घोड़े सरपट चाल
दो दिन में पहुंचें बंगाल।