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चांदनी / प्राण मोहन 'प्राण'
Kavita Kosh से
चाँदनी झूलै छै डारी पर
ऐंगना में घुड़कै छै
देहरी पर बैठली छै
छपरॅ पर लतरली छै
ठाड़ी छै द्वारी पर
चाँदनी झूलै छै डारी पर
चढ़ली छै पहाड़ॅ पर
जंगलॅ में चरै जेना
चितकबरी गाय
खेतॅ में नाच छै
झूमै छै आरी पर
चाँदनी झूलै छै डारी पर
फूल भेंटमासॅ के-
आरो जेना कासॅ के-
छूलो नै जाय
जेना कत्तेॅ अजनासॅ के
दूधॅ रं बरसै छै-
सौंसे संसारी पर
चाँदनी झूलै छै डारी पर
हिन्नेॅ बिथरलॅ छै
हुन्नेॅ छितरलॅ छै
हिन्नेॅ ससरलॅ छै
हुन्नेॅ पसरलॅ छै
पत्ता पर लत्ता पर
फूलॅ पर झारी पर
चाँदनी झूलै छै डारी पर