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चिड़िया और बच्चा / श्याम सुन्दर अग्रवाल

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फर-फर करती आई चिड़िया,
चोंच में तिनका लाई चिड़िया।

जगह सुरक्षित उस को रख गई,
नीड़ बनाने में वह लग गई ।

एक-एक तिनका खूब सजाया,
उसने सुंदर नीड़ बनाया ।

बिस्तर जैसे नर्म गदेला,
उसमें अंडा दिया अकेला ।

सेया अंडा तो निकला बच्चा,
बड़ा ही प्यारा, बड़ा ही सच्चा।

चिड़िया चोंच में दाना लाती,
डाल चोंच में उसे खिलाती ।

रोज़ रात को लोरी गाती,
बड़े प्यार से उसे सुलाती ।

बच्चे से बतियाती चिड़िया,
सब कुछ उसे सिखाती चिड़िया ।

उड़ना सीख वह बड़ा हो गया,
दूर गगन में कहीं खो गया ।