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चींटी / निरंकार देव सेवक
Kavita Kosh से
चींटी भूल गई रस्ता,
आ जा तू मेरे घर आ ।
खाने को दूँगा रोटी,
बेसन की मोटी-मोटी ।
पानी दूँगा पीने को,
फिर खेलेंगे हम दोनों ।