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चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है
ललणा तो जाया पूनो की आधी रात है- टेक
सासू भी आवै दिवला चसावै
दिवला चसाई मांगै झगड़े की बात है- चुप...
जिठाणी भी आवै पिलंग बिछावै,
पिलंग बिछाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
नणदल भी आवै सतिये लगावै
सतिये लगाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
देवर भी आवै बंसी बजावै
बंसी बजाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...
दाई भी आवै होलर जणावे,
होलर जणाई मांगे झगड़े की बात है- चुप...