बजा रहा है बड़े मजे से
आठ बरस का चुम्मकलाल
करमा, भरणी, लहकी, गेंडी
संगत सबके साथ उसी से
काली एक न काली दो
नहीं जानता आगे का सुर
साधे सहज सभी सुरों को
गुँजा रहा है घाटी भर में
पके बाँस की एक बाँसुरी
आठ बरस का चुम्मकलाल
बजा रहा है बड़े मजे से
आठ बरस का चुम्मकलाल
करमा, भरणी, लहकी, गेंडी
संगत सबके साथ उसी से
काली एक न काली दो
नहीं जानता आगे का सुर
साधे सहज सभी सुरों को
गुँजा रहा है घाटी भर में
पके बाँस की एक बाँसुरी
आठ बरस का चुम्मकलाल