मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चैत मास चुनरी छपा दैह हो रामा
चुनरी छपा दैह
चुनरी छपा दैह, चोलिया सिया दैह
बन्दे-बन्दे मोतिया लगा दैह हो रामा
चुनरी छपा दैह
चुनरी छपा दैह, पलंगा ओछा दैह
फूल छिड़िआय दैह कलिया हो रामा
चुनरी छपा दैह
आन दिन बोले कोइली भोरे भिनसरबा
आइ किए बोलय आधी रातिये हो रामा
चुनरी छपा दैह
कोइली सबद सुनि हिया मोर सालय
सूतल पिया के जगा दैह हो रामा
चुनरी छपा दैह