Last modified on 15 दिसम्बर 2022, at 12:59

चोरों और लुटेरों का हो रहा नागरिक अभिनन्दन / डी .एम. मिश्र

चोरों और लुटेरों का हो रहा नागरिक अभिनन्दन
कैसा विकट समय आया है, शर्मिंदा है जन गण मन

सोचा था ज़ालिम के मुख पर कालिख पोती जायेगी
मगर यहां तो लोग खड़े तैयार लगाने को चन्दन

कब,किसको अपना नेता चुन ले जनता मालूम नहीं
जिसको जेल में होना था वह राज कर रहा मंत्री बन

अर्जुन अपना युद्ध लड़ो खुद भूल जाओ गीता ऊता
कलियुग में अवतार नहीं लेने वाले हैं कमलनयन

द्रोपदियों की अस्मत अब भगवान भरोसे मत छोड़ो
पहुंच गये हैं संसद तक कितने दुर्योधन, दुःशासन

सेठ करोड़ीमल भरते जाते अपने गोदाम उधर
पेट पकड़कर नीमर भाई इधर कर रहे शीर्षासन