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चोली फटी सरस सरसों की-2 / केदारनाथ अग्रवाल
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चोली फटी सरस सरसों की
लहंगा गिरा फागुनी नीचे
चूनर उड़ी अकासी नीली
नंगी हुई पहाड़ी देखो ।