छाट देलो अब छाति पीटो
कि चारों ओर बसल भारतिलोग
जबरजस्त संस्किरती भारत के
जब पेट ना भरल पाइल ते बिरथा है
तोर घमंड, इ अपना सरम के बदला है
ए भारति भाई, का हम तोर भाई है
काहें ना तु हमसे बराबर बतिया है
बड़ा भाई के हम गोड़ ना धरिला
और कैसन भाई, अब माई तो दुइ, तीन है।