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छाता / नारायण झा
Kavita Kosh से
जे बरखा-रौद बचाबै छै
सुन्दरतासँ ललचाबै छै
अपना सभहक देहक ऊपर
छाता नाम कहाबै छै
सभरंगा छाता आनि दियs
चलत काज नै जानि लियs
जखने टिपटिप बरखा बरिसै
माथक ऊपर ई तानि लियs।