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छियांणवै / प्रमोद कुमार शर्मा

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तावड़ो करै
माखी सूं हाथी तांई जीव
सियाळै मांय जिण ढाळ

कविता अर कहाणी नैं
बियां ई रुखाळ

निस तो ठंड पी ज्यैगो
परभाव सूं के जी ज्यैगो
ओ जीव है निज भाखा रो
सुरता नैं
-खंगाळ।
कविता अर कहाणी नैं
-बियां ई रुखाळ।