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छोटा बच्चा पूछ रहा है कल के बारे में / योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम’

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छोटा बच्चा पूछ रहा है
कल के बारे में

साज़िश रचकर भाग्य समय ने
कुछ ऐसे बाँटा
कृष्ण-पक्ष है, आँधी भी है
पथ पर सन्नाटा

कौन किसे अब राह दिखाए
इस अँधियारे में

अन्र्तर्ध्यान हुए थाली से
रोटी दाल सभी
कहीं खो गए हैं जीवन के
सुर-लय-ताल सभी

लगता ढूँढ रहे आशाएँ
ज्यों इकतारे में

नई उमंगें नये सृजन भी
कुछ तो बोलेंगे
शनै-शनै आशंकाओं की
पर्तें खोलेंगे

एक नई दुनिया है शायद
मिट्टी गारे में