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छोटा सन / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
छोट सन
बोल
मिल गेलै मोन।
छोट सन
बुन्नी
भीज गेलै धरती।
छोट सन
उड़ान
नापि गेलै जहान।
छोट सन
बेदरा
भरि घर अनघोल।
छोट सन
भूख
भऽ गेलै नचार।
छोट सन
रोष
भऽ गेलै फसाद।
छोट सन
लुत्ती जरि गेलै गाम।