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छोटी-छोटी बातें / रमेश तैलंग

Kavita Kosh से
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एक छोटा-सा बीज एक दिन
बड़ा वृक्ष बन जाता है।
एक नन्हा सपना विशाल सच
बनकर आगे आता है।
एक छोटी-सी बूँद समंदर
बनकर लहराती है।
एक छोटी-सी चिंगारी ही कल ज्वाला बन जाती है।
बड़े-बड़े सुख जितने, उनको
छोटी खुशियाँ लाती है।
छोटी-छोटी बातें ही
जीवन को बड़ा बनाती हैं।