भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

छोटी-सी इच्छा / मुदित श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तारों से लबालब
भरे आसमान को
दिल में समाने के लिए
आसमान से बड़ा दिल नहीं

प्रेम से लबालब भरा हुआ
एक छोटा-सा दिल चाहिए होगा

पूरी पृथ्वी को समाने के लिए
पृथ्वी से बड़ी इच्छा नहीं

चाहिए होगी
प्रेम कर पाने की
एक छोटी-सी इच्छा!