छोड़ दो आँचल जमाना क्या कहेगा / मजरूह सुल्तानपुरी
आ: छोड़ दो आंचल ज़माना क्या कहेगा
छोड़ दो आंचल ज़माना क्या कहेगा
क: (इन अदाओं का ज़माना भी हैं दीवाना
दीवाना क्या कहेगा ) \- (२)
आ: छोड़ दो आंचल ज़माना क्या कहेगा
आ: मैं चली
मैं चली अब खूब छेड़ो प्यार के अफ़साने
कुछ मौसम हैं दीवाना कुछ तुम भी हो दीवाने (२)
क: ज़रा सुनना जान\-ए\-तमन्ना (२)
इतना तो सोचिये मौसम सुहाना क्या कहेगा
आ: छोड़ दो आंचल ...
आ: यूँ न देखो जाग जाए प्यार की अंगड़ाई
ये रस्ता ये तनहाई लो दिल ने ठोकर खाई
क: यही दिन हैं मस्ती के सिन हैं (२)
किसको ये होश है अपना बेगाना क्या कहेगा
आ: छोड़ दो आंचल ...
आ: ये बहारें ये फुवारें ये बरसता सावन
थर थर काँपे हैं तन मन मेरी बय्याँ धर लो साजन
क: अजी आना दिल में समाना (२)
एक दिल एक जान हैं हम तुम ज़माना क्या कहेगा
आ: छोड़ दो आंचल ...