(राग देस-ताल मूल)
जगती में यह जो कुछ भी जड़-चेतन जग है।
सब ईश्वरसे व्याप्त, उसीसे यह जगमग है॥
ईश्वरको रख साथ त्यागपूर्वक भोगो सब।
धन किसका है? होओ मत आसक्त कभी अब॥
(राग देस-ताल मूल)
जगती में यह जो कुछ भी जड़-चेतन जग है।
सब ईश्वरसे व्याप्त, उसीसे यह जगमग है॥
ईश्वरको रख साथ त्यागपूर्वक भोगो सब।
धन किसका है? होओ मत आसक्त कभी अब॥