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जग सूँ कहा हमारा / दादू दयाल

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जगसूँ कहा हमारा।
जब देख्या नूर तुम्हारा॥टेक॥

परम तेज घर मेरा।
सुख-सागर माहिं बसेरा॥१॥

झिलिमिलि अति आनंदा।
पाया परमानंदा॥२॥

जोति अपार अनंता।
खेलै फाग बसंता॥३॥

आदि अंत असथाना।
दादू सो पहिचाना॥४॥