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जन्म के गीत-1 / छत्तीसगढ़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

महला मां ठाढि बलमजी
अपन रनिया मनावत हो
रानी पीलो मधु-पीपर,
होरिल बर दूध आहै हो।
कइसे के पियऊँ करुरायवर
अउ झर कायर हो
कपूर बरन मोर दाँत
पीपर कइसे पियब हो
मधु पीपर नइ पीबे
त कर लेहूं दूसर बिहाव
पीपर के झार पहर भर
मधु के दुइ पहर हो
सउती के झार जनम भर
सेजरी बंटोतिन हो
कंचन कटोरा उठावब
पीलडूं मधु पीपर हो