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जब कभी उनको उघाड़ा जाएगा / प्रफुल्ल कुमार परवेज़

जब कभी उनको उघाड़ा जाएगा
हर दफ़ा हमको लताड़ा जाएगा

जो नहीं रुकते किसी तरह उन्हें
ऐसा लगता है कि गाड़ा जाएगा

पीपलों की पौध ढूँढी जाएगी
फिर उन्हें जड़ से उखाड़ा जाएगा

झूठ को आबाद करने के लिए
हर हक़ीक़त को उजाड़ा जाएगा

हम गुफ़ाओं को ग़नीमत मान लें
इस क़दर मौसम बिगाड़ा जाएगा.